हिंदी मीडियम में UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कैसे करें?

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IAS Coaching in Delhi: UPSC सिविल सेवा परीक्षा प्रत्येक वर्ष हिंदी एवं अंग्रेजी दो माध्यमो में आयोजित होती है। अधिकांश अभ्यर्थियों का सपना होता है कि इस परीक्षा को पास कर सर्वोच्च प्रशासनिक पद पर रहते हुए देश को अपनी सेवाएं दें। हालाँकि इस परीक्षा की प्रकृति व प्रक्रिया थोड़ी जटिल है। लेकिन जब हम इस परीक्षा की प्रकृति को समझकर कुशल रणनीति के साथ तैयारी शुरू करते हैं तो निस्संदेह सफल होने की दर बढ़ जाती है। चूँकि इस परीक्षा में मेहनत के बाद सबसे ज्यादा मायने रखता है स्मार्ट वर्क। ये वर्क तभी संभव है जब हम आयोग की अपेक्षाओं को समझ रहे हों।

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हिंदी मीडियम में UPSC की तैयारी के लिए संस्कृति IAS Coaching सेंटर के कुछ टिप्स

अभ्यर्थियों से आयोग की अपेक्षाएं-

अयोग सिविल सेवा परीक्षा को तीन चरणों में संपन्न कराता है। प्रत्येक चरण के आयोजन का विशिष्ट उद्देश्य है।  जैसे प्रारंभिक चरण में बौद्धिकता, तार्किकता एवं जागरूकता की जाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों के माध्यम से की जाती है।; दूसरे चरण, मुख्य परीक्षा में विषय वस्तु की समझ एवं विश्लेषण क्षमता, नैतिकता की जाँच निश्चित शब्द एवं समय सीमा में लिखित परीक्षा के माध्यम से की जाती है; और अंतिम चरण यानी साक्षात्कार में व्यक्तित्व की जाँच की जाती है। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चुना जाने वाला अभ्यर्थी प्रशासनिक सेवाओं के लिए उपयुक्त है या नहीं।

जहाँ प्रारंभिक परीक्षा अर्हताकारी (Qualifying) प्रकृति की होती है, वहीं मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के अंकों को जोड़कर अंतिम मेरिट का निर्धारण किया जाता है।

तैयारी की शुरुआत कैसे करें-

  • सर्वप्रथम UPSC सिविल सेवा परीक्षा के तीनों चरण का संपूर्ण पाठ्यक्रम देखें। और उसकी एक हार्ड कॉपी अपने पास रखें।
  • पाठ्यक्रम के अनुसार स्वयं का मूल्यांकन करें।
  • यदि आप इस क्षेत्र में नए हैं या आपका एकेडमिक मानविकी विषयों से सम्बद्ध नहीं रहा है या इन विषयों की समझ नहीं है, तो आप सर्वप्रथम NCERT की किताबों से शुरुआत करें।
  • यदि आप मानविकी विषयों के अभ्यर्थी रहे हैं, या इन विषयों पर समझ ठीक है; तो आप विषय की स्टैण्डर्ड पुस्तकों से शुरुआत कर सकते हैं।
  • परीक्षा के तीनों चरणों में समसामयिकी का विशेष महत्त्व होता है। इसलिए स्वयं को समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, मीडिया या सोशल मीडिया आदि के माध्यम से अद्यतन रखें।
  • एक व्यावहारिक और यथार्थवादी समय सारिणी बनाएं और इसके अनुसार अनुशासित रहने का प्रयास करें।
  • जिस विषय में आप सहज हैं, उस विषय के कंटेंट की पर्याप्त उपलब्धता हो, और वह विषय सामान्य अध्ययन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो; उसे वैकल्पिक विषय के रूप में रख सकते हैं।
  • विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्नों का संकलन अपने पास रखें। इन प्रश्नों के अभ्यास के साथ, इनके अनुरूप आगे का अध्ययन जारी रखें।
  • उत्तर लेखन का नियमित अभ्यास करें।
  • कोशिश करें कि तैयारी के दौरान इस परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों के इंटरव्यू या अनुभव को दैनिक जीवन में सम्मिलित करें।
  • यदि आप भटकाव को समाप्त कर कम समय में चयनित होना चाहते हैं या यदि आप परीक्षा के प्रत्येक स्तर पर मंत्रणा/मार्गदर्शन चाहते हैं या उपर्युक्त बताये गए निर्देशों को किसी एक संस्था के माध्यम से अनुसरण करना चाहते हैं, तो आपको एक अच्छी एवं विश्वसनीय कोचिंग ज्वाइन कर लेनी चाहिए।

अच्छी एवं विश्वसनीय कोचिंग-  

भारत के अनेक शहरों में हिंदी माध्यम से सिविल सेवा की तैयारी की अनेक कोचिंग संस्थाएं संचालित हो रही हैं। इन विकल्पों में सबसे बेहतर कोचिंग का चयन कर पाना अभ्यर्थियों के लिए मुश्किल हो जाता है। हालाँकि अच्छी संस्था के कुछ मानक होते हैं, जैसे-

  • श्रेष्ठ एवं अनुभवी शिक्षकों की उपस्थिति
  • उत्कृष्ट अध्ययन सामग्री, जो सिविल सेवा परीक्षा के अनुरूप हो
  • शिक्षक-छात्र के मध्य संवाद
  • कुशल एवं श्रेष्ठ प्रबंधन, आदि।

ये कुछ महत्वपूर्ण बिंदु हैं जिनके अधार पर कोचिंग का चयन किया जाना चाहिए। अगर हिंदी माध्यम से तैयारी शुरू करना चाहते हैं, तो संस्कृति आईएएस सबसे बेहतर विकल्प है। चूँकि  इसके अलावा पूरे भारत में  ऐसी कोई संस्था नहीं है, जो उपर्युक्त मानकों को पूरा कर रही हो, संस्कृति आईएएस के सर्वश्रेष्ठ होने के अधोलिखित कारण हैं-

    संस्कृति आईएएस का श्रेष्ठ अध्यापक समूह-

  • सिविल सेवा परीक्षा की हिंदी माध्यम से तैयारी कराने वाली भारत की सर्वोच्च टीम यहाँ अध्यापन कार्य में संलग्न है। जहाँ एक नहीं सभी अपने-अपने विषय में चर्चित विशेषज्ञ माने जाते हैं।
  • अध्यापकों की सूची में श्री अखिल मूर्ति (भारतीय इतिहास, कला एवं संस्कृति), श्री अमित कुमार सिंह (एथिक्स), श्री ए. के. अरुण  (भारतीय अर्थव्यवस्था),  श्री सीबीपी श्रीवास्तव (राजव्यवस्था, गवर्नेंस एवं  सामाजिक न्याय),  श्री कुमार गौरव (भूगोल एवं पर्यावरण),  श्री राजेश मिश्रा (भारतीय राजव्यवस्था एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध), श्री रितेश जायसवाल (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) आदि शामिल हैं।
  • सभी शिक्षक विगत एक से डेढ़ दशक से सिविल सेवा अभ्यर्थियों का मार्गदर्शन कर रहे हैं।

    संस्कृति आईएएस संस्थान की रणनीति-

  • आरम्भ से ही परीक्षा के तीनों स्तर (प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार) रणनीति के केंद्र में होते हैं।
  • प्रत्येक विषय के लिये नियमित समय पर अध्यायवार ढंग से अध्ययन-सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। एक विशेष टीम इसके अद्यतन के लिये कार्यरत है।
  • उपयोगी और गुणवत्तापूर्ण अध्ययन-सामग्री की उपलब्धता अभ्यर्थी की तैयारी को समग्रता प्रदान करती है।
  • लेखन शैली उत्कृष्ट करने का निरंतर अभ्यास कराया जाता है। मुख्य परीक्षा का विशेष अनुभव रखने वाली टीम उत्तर लेखन का जाँच/मूल्यांकन करती है।
  • कक्षा कार्यक्रम के अतिरिक्त अभ्यर्थियों से प्रत्यक्ष संवाद होता रहे; इसके लिए मेंटरशिप जैसे कई प्रोग्राम संचालित किए जा रहे हैं।

यदि कोई विद्यार्थी उचित रणनीति के साथ हिंदी माध्यम में UPSC सिविल सेवा परीक्षा की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए संस्कृति IAS Coaching के मार्गदर्शन से निर्देशित हो रहा है, तो निस्संदेह उसके सफल होने की संभावना कई गुना बढ़ जाएगी।

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Author: Tarkash News

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